Rasayanik Padarth Part 2 | रासायनिक पदार्थ नोट्स इन हिंदी पार्ट 2

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Rasayanik Padarth Part 2

Rasayanik Padarth रासायनिक पदार्थ क्या है रासायनिक पदार्थ किसे कहते हैं रासायनिक पदार्थ में कौन-कौन सी धातु आती है इन सभी के बारे में आज हम चर्चा करने वाले हैं रासायनिक पदार्थ रासायनिक पदार्थ व पदार्थ होते हैं जिनकी संरचना और विशिष्ट गुना वाला पदार्थ का एक अनूठा रूप होता है रासायनिक पदार्थ रासायनिक यौगिक किया एक तत्व का रूप ले सकते हैंयदि दो या दो से अधिक रासायनिक पदार्थों को बिना प्रतिक्रिया किए जोड़ा जा सकता है तो वह एक रासायनिक मिश्रण बना सकते हैं आज इस आर्टिकल के माध्यम सेहम रासायनिक पदार्थों के बारे में चर्चा करेंगे जो भी विद्यार्थी कॉम्पिटेटिव एक्जाम के लिए तैयारी कर रहा है उनके लिए आज का यह लेख बहुत ही उपयोगी होने वाला है तो आप हमारे साथ बने रहे.

Rasayanik Padarth Part 2

एलिफेटिक अचक्रीय हाइड्रोकार्बन

खुली श्रृंखला वाले हाइड्रोकार्बन को एलिफेटिक हाइड्रोकार्बन कहते हैं इनमें कोई गंध नहीं होती है अर्थात यह गंधहीन होते हैं एलिफेटिक चक्रीय हाइड्रोकार्बन को दो वर्गों में विभाजित किया गया है

संतृप्त हाइड्रोकार्बन या एल्केन या फेरेपिन संतृप्त हाइड्रोकार्बन को एल्केन या पैराफिन भी कहा जाता है पैराफिन एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है अल्प क्रियाशील चूंकि संतृप्त हाइड्रोकार्बन बहुत कम क्रियाशील होते हैं इसलिए पैराफिन कहा जाता है संतृप्त हाइड्रोकार्बन श्रेणी के सदस्यों का सामान्य सूत्र होता है संतृप्त हाइड्रोकार्बन में उपस्थित सभी कार्बन परमाणु एक दूसरे के साथ एकल बैंड द्वारा जुड़े रहते हैं तथा कार्बन परमाणु की शेष संयोजकताएं हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा संतृप्त होती है

असंतृप्त हाइड्रोकार्बन एलिफेटिक हाइड्रोकार्बन जिनके दो कार्बन परमाणुओं के बीच द्विबंध अथवा ट्रिबंधक होता है उन्हें असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहते हैं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन भी दो प्रकार के होते हैं अल्किन या एल्फिन तथा एल्काइन

अल्किन या ओलीफिन वैसे असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिम दो कार्बन परमाणुओं के बीच ट्रिबंधन होता है एसिटिलीन श्रेणी के हाइड्रोकार्बन या एल्काइन कहलाते हैं

एल्केन श्रेणी

इन्हें संतृप्त हाइड्रोकार्बन भी कहते हैं इस श्रेणी का अनु लगन ऐन होता है इस श्रेणी के अवयवों की श्रृंखला में कार्बन कार्बन के मध्य केवल अकाल बंद होता है एल्केन कम क्रियाशील होते हैं इसलिए इन्हें पैराफिन कहते हैं क्योंकि सामान्य परिस्थितियों में यह अमल शहर ऑक्सीकारक एवं अपाचैयको से कोई क्रिया नहीं करते हैं इस श्रेणी में योगी को का सामान्य सूत्र होता है

अल्केनों के विभिन्न सदस्य

मेथेन इसे मार्स गैस भी कहते हैं

  1. रंगहीन गंधहीन स्वादहीन अविसेली गैस है 
  2. यह वायु से हल्की है
  3. यह जल में अल्प विलय हैं किंतुइधर अल्कोहल एसीटोन में अधिक विलय हैं

उपयोग

  1. मैथिल अल्कोहल मिथाइल क्लोराइड क्लोरोफॉर्म कार्बन टेट्राक्लोराइड आदि के निर्माण में
  2. हाइड्रोजन के निर्माण में जो अमोनिया को बनाने में प्रयुक्त होता है 
  3. कार्बन ब्लैक को बनाने में जिसका उपयोग छपाई की स्याही काला पेंट तथा रबर वर्तनीकरण में फिलर के रूप में होता है
  4. ईंधन एक प्रकाश उत्पन्न करने में

एथेन

भौतिक गुण

  1. रंगहीन गंधहीन स्वादहीन अविशेली गैस 

उपयोग

  1. ईंधन के रूप में
  2. हेक्सा क्लोरो एथेन के निर्माण में जो कि कृत्रिम कपूर है

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एल्किन श्रेणी

इसमें कार्बन कार्बन के मध्य एक द्विबंध पाया जाता है द्विबंध की उपस्थिति के कारण इन्हें असंतृप्त हाइड्रोकार्बन भी कहते हैं इनमें ओलिफिंस भी कहते हैं इस श्रेणी का अनु लगन इन होता है

इस श्रेणी में द्विबंध हेतु न्यूनतम दो कार्बन परमाणु की आवश्यकता होती है अतः n=1 नहीं होता

भौतिक गुण

  1. एल्किन रंगहीन एवं गांधी होती है एथीन को छोड़कर
  2. यह जल में अभिलेख होती है किंतु कार्बनिक विलाईकों में विलय होती हैं
  3. यह जल से हल्की होती हैं

एथिलीन गैस

यह अल्किन श्रेणी का प्रथम सदस्य है

इसका उपयोग

  1. मस्टर्ड गैस के निर्माण में
  2. प्लास्टिक बनाने में किया जाता है

एल्काइन श्रेणी

इसमें कार्बन-कार्बन के मध्य एक त्रिबंध (CC) पाया जाता है। त्रिबंध की उपस्थिति के कारण इन्हें भी असंतृप्त हाइड्रोकार्बन भी कहते हैं। इस श्रेणी का अनुलग्न ” आइन” होता है। होता है। इस श्रेणी में त्रिबंध हेतु न्यूनतम दो कार्बन परमाणु की आवश्यकता होती है

एसिटिलीन गैस का IUPAC नाम एथाइन है।

इसकी खोज विल्सन ने की थी।

भौतिक गुण-

  1. एसीटिलीन रंगहीन गैस है, जिसकी गन्ध लहसुन के समान होती है। यह गन्ध फॉस्फीन और हाइड्रोजन सल्फाइड अशुद्धियों के कारण पायी जाती है, किन्तु शुद्ध एसीटिलीन की गंध रूचिकर होती है।
  2. यह जल में अविलेय है किन्तु एसीटोन एवं एल्कोहल में विलेय होती है तथा इसका स्थानांतरण करने के लिए इसे एसीटोन में रखे सरंध्र पदार्थ पर उच्च दाब पर प्रवाहित करके स्टील बेलन में रखते हैं।
  3.  ये वायु से हल्की होती है और प्रकृति में विषैली होती है।
  4. ये चमकीली ज्वाला के साथ जलती है तथा वायु के साथ विस्फोटक मिश्रण बनाती है।

एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन

बन्द श्रृंखला वाले हाइड्रोकार्बन को एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन कहते हैं। अर्थात वे चक्रीय यौगिक जो रासायनिक व्यवहार में बेन्जीन से समानता दर्शाते है एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन कहलाते है। एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन ‘एरीन’ कहलाते है क्योंकि इनके यौगिकों में एरोमा (सुगंध) होती है। इसका सामान्य सूत्र C₂H₂20-6 होता है। बेंजीन सबसे सरलतम ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन है। एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन को दो वर्गों में बाँटा गया है-

(a) बेन्जीनॉइड– वे चक्रीय यौगिक जिनमें कम से कम एक बेन्जीन वलय उपस्थित होती है, बेन्जीनॉड कहलाते हैं।

(b) नॉन बेन्जीनॉइड– वे चक्रीय यौगिक जिनमें बेन्जीन वलय उपस्थित नहीं होती परन्तु रासायनिक व्यवहार में बेन्जीन से समानता दर्शाते हैं, नॉन बेन्जीनॉइड कहलाते है।

बेन्जीन – बेन्जीन एरीन्स का पहला सदस्य है। इसे सर्वप्रथम फैराडे (1825) ने व्हेल मछली के तेल से प्राप्त किया। मिसचरलिस (1833) ने इसे बेन्जोइक अम्ल के साथ चूने के आसवन द्वारा प्राप्त किया।

बेन्जीन के भौतिक गुण-

  1. बेन्जीन एक रंगहीन, चलित और वाष्पशील द्रव है। यह लाक्षणिक गन्ध वाली होती है।
  2. यह अधिक ज्वनशील है और धुँआ युक्त ज्वाला के साथ जलती है
  3. यह जल से हल्की है।
  4. यह जल के साथ अमिश्रणीय है लेकिन कार्बनिक विलायकों जैसे एल्कोहल और ईथर के साथ मिश्रणीय है।
  5. बेन्जीन स्वयं एक अच्छा विलायक है। वसा, रबर इत्यादि इसमें घुल जाते है।
  6. यह अध्रुवीय यौगिक है और इसका द्विध्रुव आघूर्ण शून्य है।
  7.  यह बहुत जहरीला पदार्थ है, वाष्प को सूँघने और त्वचा द्वारा अवशोषित करने पर यह जहरीला प्रभाव छोड़ती है।

उपयोग :

शुष्क धुलाई में

पेट्रोल के साथ मिश्रित करने पर मोटर ईंधन के रूप में

विलायक के रूप में

गैमेक्सीन के निर्माण में (कीटनाशक के रूप में)

नाइट्रोबेन्जीन, क्लोरोबेन्जीन, बेन्जीन सल्फोनिक अम्ल, एनिलीन, स्टाइरीन ‘इत्यादि के निर्माण में। इसमें से कई रंजक, दवाईयाँ, प्लास्टिक, कीटनाशक इत्यादि के निर्माण में उपयोगी होते है।

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